Sunday, February 17, 2013

My Speech 14th Feb 2013 Kolkata Hindu Samiti


नमस्ते भाईओं और बहेनो ,

सबसे पहले तपनजी , हिन्दू समिति ,और आप सबका में आभारी हूँ के मुझे ये मंच पे बोलने का मौका दिया गया .

आप सब ने सरदार पटेल और नरेन्द्र मोदी का नाम तो सुना ही होगा - में भी उन्हिकी जात का हु . जनम से में भी एक किसान हु। फर्क येही है की मेरा जनम आफ्रिका में हुआ और छोटी उम्र में मेरे पिताजी मुझे england ले गए। एक अंग्रेज़ नागरिक होने के बावजूद दिल से में भारतीय हूँ और एक हिन्दू होने का मुझे बहत गर्व है . और आप सब के बिच में आ कर में बहोत खुश हों। बांगला बालो भाषी 

तपनजि  और हिन्दू समिति ने मुझे बताया के बंगालमे हिन्दू धर्मं का अस्तित्व खतरे में है। क्योंकि हमारे साथ वोही हैवानियत और अत्याचार हो रहे है जो कश्मीर के हिन्दू पंडितों के साथ हो गया। आज वो अपने ही राज्यमें निराश्रित है। उनका जीवन खतरे में है। जो बातें मेने तपनजिसे सुनी वोह सुनकर मुझे बहोत दुःख हुआ और ईसि लिए में ये मंच पे हूँ।

हिन्दू सनातन धर्म ये सदियों पुरानी हमारी पहचान है - हमारा अस्तित्व और गौरव है। आज येही अस्तित्व खतरे में है। क्योंकि, आज हमारी शिक्षा में हम रामायण, महाभारत और भग्वद गीता की पढाई नहीं करते। हमारे हिन्दू देवी देवता को सिर्फ मुर्तिरूप मंदिर में पूजते है। पर हमारी सही शिक्षा तभी होगी जब मंदिर में स्थापि हुई मूर्ति को हम आत्मसात करे। हमारे ऋषि और गुरुओं ने दी हुई सीख का अमल करें। और सबसे पहली सीख है - अहिंसा परमो धर्मं, धर्मं हिंसा तथैव च - मतलब येही है की अहिंसा हमारा धर्मं है पर धर्मं के बचाव के लिए ज़रुरत पड़े तो हिंसा का उपयोग करना चाहिए। अगर आप देखें तो हमारे हर देवी देवता शस्त्र अस्त्र से सज्ज है। येही सिखाते है की हमें निर्बल और निर्दोष जीव पर वार नहीं करना चाहिए। पर अगर येदी कोई हमें मारने आये तो अपनी सुरक्षा के लिए ही शस्त्र उठाना चाहिए। आज जब हिन्दू धर्मं पर अतिक्रमण हो रहा है तब हमें जागृत और निर्भय होना चाहिए। और एकता बनाये रखनी चाहिए। किसिभी वार को चुप चाप झेलना हमें और निर्बल बनाएगा। इसके लिए आवाज़ उठानी चाहिए। 

एक बार में, हिन्दू समिति का आभारी हूँ के हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचार को वे सही माध्यम से जागृत करते है और आवाज़ उठाते है। मेरे ख्याल से हमें उनकी लड़ाई में सहभागी होना चाहिए।

आज जब हम हिंदुओं के साथ अन्याय हो रहा है तो हमें एक हो कर न्याय के लिए लड़ना चाहिए। जितना हम चुप रहेंगे उतना हम सहेंगे। मेरा येही कहना है हमारी गौरवता और सम्मान पे अगर कोई वार करता है तो हमें चुप नहीं बेठना है। जो सीख हमें माँ दुर्गा से मिलती है उसका अमल करना चाहिए। 

अंत में और एक बात कहना चाहूँगा। सच्चाई की राह पर हिम्मत से चलिए और अपने भारत देश को प्रगतिशील बनाइये। स्वाभिमान और गौरवता से जिए और निर्भय रहे।

वंदे मातरम 

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